भोपाल
लोकसभा चुनावों में छिंदवाड़ा सीट हारने के बाद कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस में ही अलग थलग खड़े नजर आ रहे थे। लेकिन बीते दिनों कमलनाथ की दिल्ली में राहुल गांधी से हुई मुलाकात के बाद एक बार फिर इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि कमलनाथ एक बार फिर सक्रिय राजनीति में वापसी करने वाले हैं और उन्हें जल्द ही पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। कमलनाथ के साथ ही एमपी कांग्रेस के दो और नेताओं को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
कमलनाथ को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
कांग्रेस के अंदर खानों में चर्चाएं हैं कि कमलनाथ को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। बीते दिनों राहुल गांधी से हुई कमलनाथ की मुलाकात के बाद कमलनाथ एकदम से सक्रिय भी नजर आ रहे हैं जिसके कारण इन चर्चाओं को बल मिला है। बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान कमलनाथ को एमपी से दूर करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी देकर उनके अनुभव का लाभ ले सकती है।
इन्हें बनाया जा सकता है राष्ट्रीय महासचिव
एक तरफ जहां कमलनाथ को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकने की चर्चाएं हैं तो वहीं ये भी चर्चा है कि एमपी कांग्रेस के दो नेता अरुण यादव और मीनाक्षी नटराजन को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है। अरुण यादव और मीनाक्षी नटराजन दोनों की ही गिनती राहुल गांधी के करीबी नेताओं में होती है। बीते दिनों कांग्रेस ने राष्ट्रीय सचिवों की लिस्ट जारी की थी और अब उम्मीद है कि जल्द ही राष्ट्रीय महासचिवों की लिस्ट भी जारी हो सकती है जिसमें अरुण यादव और मीनाक्षी नटराजन का नाम हो सकता है।
एमपी से इन्हें बनाया गया है राष्ट्रीय सचिव
बता दें कि पिछले हफ्ते कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिवों की लिस्ट जारी की गई थी जिसमें मध्यप्रदेश कांग्रेस के पांच युवा नेताओं सत्यनारायण पटेल, नीलांशु चतुर्वेदी, भूपेंद्र मरावी, कुणाल चौधरी के नाम शामिल थे जिन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाए जाने के साथ ही अलग-अलग राज्यों के सह प्रभारी की जिम्मेदारी भी दी गई थी।
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