चंडीगढ़(धरणी)
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास (Radha Swami Satsang Beas) प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों (Gurinder Singh Dhillon) अपने उत्तराधिकारी जसदीप गिल (Jasdeep Singh Gill) के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आवास पर मंगलवार को पहुंच गए। जहां सीएम नायब सैनी ने उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया है। एक बार फिर से हरियाणा के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद नायब सिंह सैनी की गुरिंदर सिंह ढिल्लों से यह पहली मुलाकात है।
क्या बोल सीएम सैनी?
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास (Radha Swami Satsang Beas) प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों और जसदीप गिल से मुलाकात के बाद से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक्स पोस्ट किया है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा कि आज मुख्यमंत्री आवास संत कबीर कुटीर पहुंचने पर सहपरिवार 'राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरा के प्रमुख संत बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी का स्वागत सत्कार कर उनका स्नेह व आशीर्वाद प्राप्त किया।
समाजिक कुरीतियों को दूर करने में संतों का बड़ा योगदान
सीएम ने आगे लिखा कि समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने में संत-महापुरुषों का अतुलनीय योगदान हमेशा से ही रहा है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास (Radha Swami Satsang Beas) द्वारा मानवता की सेवा और सामाजिक सद्भाव हेतु निरंतर किए जा रहे कार्य अपने आप में अद्भुत और प्रेरणादायी है। आप सभी संत जनों का आशीर्वाद प्रदेश के मेरे परिवारजनों पर बना रहे व उनकी सुख और समृद्धि को फलीभूत करें।
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के अब तक के प्रमुख
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास (Radha Swami Satsang Beas) के अब तक कई प्रमुख रह चुके हैं। डेरा के सबसे पहले प्रमुख जैमल सिंह थे, जिन्हें 1878 में डेरे की गद्दी सौंपी गई थी। इसके बाद सावन सिंह को डेरे का प्रमुख बनाया गया था। सावन सिंह को 1903 में गद्दी की कमान दी गई और उन्होंने 45 सालों तक यानी 1948 तक गद्दी संभाली थी।
सावन सिंह के बाद जगत सिंह को डेरे का प्रमुख बनाया गया था। जगत सिंह ने केवल तीन साल यानी 1948 से लेकर 1951 तक डेरे की गद्दी संभाली थी। इसके बाद डेरे के प्रमुख की जिम्मेदारी चरण सिंह को दे दी गई थी। चरण सिंह 39 सालों तक डेरा प्रमुख रहे थे।
चरण सिंह 1951 से 1990 तक डेरे के प्रमुख रहे थे। चरण सिंह के बाद बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों (Gurinder Singh Dhillon) को डेरा प्रमुख बनाया गया। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों 1991 से अब तक डेरे के गद्दी पर विराजमान हैं। हालांकि, अब गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने जसदीप सिंह गिल (Jasdeep Singh Gill) को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है।
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