भोपाल
कोविड-19 के समय भय और वातावरण में मजबूरी बनी ऑनलाइन वेबीनार को एमपी ट्रांसको ने अपनी मजबूती में बदल लिया है। आपदा में अवसर की तलाश कर एमपी ट्रांसको में पिछले 87 सप्ताह से लगातार ऑनलाइन वेबीनार जारी है। इसमें पूरे प्रदेश के ट्रांसको के युवा इंजीनियरों के साथ सिस्टम में लगातार बदल रही तकनीक और उनके एडॉप्शन के बारे में संवाद किया जा रहा है। वेबीनार में एक साथ 500 लोगों के जुड़ने की व्यवस्था है।
डे टू डे वर्किंग को आसान करना हुआ प्रारंभ
कार्मिकों की डे-टू-डे वर्किंग को आसान बनाने के उद्देश्य से एमपी ट्रांसको के अधीक्षण अभियंता सुनील यादव की इस अद्भुत सोच और क्रियान्वित करने की इच्छा शक्ति ने इसे आज एम पी ट्रांसको की आवश्यकता बना दिया है।
एमपी ट्रांसको के सुनील यादव ने बताया कि वेबीनार का उपयोग कर विशेषज्ञ जानकारी साझा करने के लिए यह एक प्रभावी टूल साबित हुआ है, जिसके कारण बेहतर इंटरेक्शन संभव हो पाया है।
एमपी ट्रांसको के अनुभवी इंजीनियरों के साथ नई पीढ़ी के युवा इंजीनियरों के तालमेल ने इस वेबिनार को ज्ञानवर्धक और इंजीनियर्स को प्रो-एक्टिव बनाने में सहयोग दिया है। इससे अनेक बार ट्रांसफॉर्मर, ट्रांसमिशन लाइन, सब स्टेशनो आदि में आने वाली दिक्कतों का समय पर समाधान हो पा रहा है।
तैयार हो रही है प्रशिक्षित बेंच स्ट्रेंथ
तकनीकी और प्रबंध विषयों पर जारी इस अद्भुत वेबीनार में हर बार अलग-अलग थीम पर संवाद होता है। इसका सबसे बड़ा फायदा घटते मानव संसाधन के बावजूद स्किल ट्रांसफर हो रहा है। फील्ड में कार्य कर रहे इंजीनियर और अधिक आत्मविश्वास, समर्पण, सतर्कता और एफिशिएंसी के साथ कार्य करने लगे हैं। इससे युवा इंजीनियरों की एक प्रशिक्षित बेंच स्ट्रेंथ तैयार की जा रही है। यादव ने बताया कि इस वेबीनार में मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी भी जुड़े रहते हैं।
Source : Agency